तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीयों सेअधिक भुगतान की वसुली नहीं करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश
तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीयों सेअधिक भुगतान की वसुली नहीं करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश
रायगढ:---नियोक्ता के गलती से किये गए अधिक भुगतान की वसूली तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कार्यरत कर्मचारी,सेवानिवृत्त एवं सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारी से नहीं करने सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पुब्लिक ग्रेविएन्सेस एंड पेंशन्स,डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग,भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन (आदेश) भारत सरकार के सभी विभागों /उपक्रमों को 2 मार्च 2016 को जारी किया गया था। आदेश के पालन हेतु सभी राज्य शासन को पृष्ठांकन किया गया था। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की जानकारी के अभाव में,कार्यालयों द्वारा अधिक भुगतान की वसूली आदेश जारी हो रहा है,जोकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना है ।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं सक्ति जिला अध्यक्ष टीकाराम सारथी ने जानकारी दिया कि तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी,एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी,कर्मचारियों से पाँच वर्ष पूर्व हुए अधिक भुगतान के वसूली आदेश,कर्मचारी को उच्च पद के सेवा के एवज में किये गए भुगतान की रिकवरी को सुप्रीम कोर्ट ने State of Punjab & Others Versus Rafik Masih (White Washer) etc in CA no.11527 of 2014 (Arising out of SLP(C) no.11684 of 2012 के पारित आदेश में कर्मचारी को हुए अधिक भुगतान के वसूली आदेश को अधर्म,कठोर एवं मनमाना कार्यवाही माना है।उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित आदेश 18 दिसंबर 2014 में उल्लेख है कि कर्मचारी को सक्षम अधिकारी द्वारा दिये गए परिलब्धियों के लिए कर्मचारी दोषी नहीं है,यदि कर्मचारी के द्वारा गलत जानकारी नहीं दिया गया हो। सक्षम अधिकारी के अनैच्छिक गलती अथवा जानकारी के गलत व्याख्या के फलस्वरूप दिया गया अधिक परिलब्धियों अथवा भुगतान कर्मचारी को किया गया है तो ऐसे मामले में कर्मचारी मासूम है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान के आर्टिकल-142 के अधिकार-क्षेत्र के तहत कर्मचारी को अधिक भुगतान के वसूली से मुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अधिक भुगतान के वसूली आदेश को भारतीय संविधान के आर्टिकल-14 का उल्लंघन माना है। फेडरेशन ने राज्य शासन से सभी कार्यालयों के सक्षम अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश प्रसारित करने का आग्रह किया है।
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