हमारा समय और कबीर' विषय पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में एकल व्याख्यान का किया गया आयोजन, प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल रहे मुख्य वक्ता


हमारा समय और कबीर' विषय पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में एकल व्याख्यान का किया गया आयोजन, प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल रहे मुख्य वक्ता,,

- कबीर स्वयं सभ्यताओं की संभावनाओं का नतीजा हैं - प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल

- जीवन की सफलता से ज़्यादा जीवन की सार्थकता जरूरी - कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा,,

विशेष संवाददाता:- नीलमणी बरेठ की कलम से,,,
रायपुर :---  संत कबीर जयंती के अवसर पर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कबीर विकास संचार अध्ययन केंद्र द्वारा हमारा समय और कबीर विषय पर  वर्चुअल एकल व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते  हुए हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक एवं चिंतक, नई दिल्ली प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि उस समय संत कबीर को भी कई उत्पीड़नों एवं सामाजिक असमानता का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि कबीर का मतलब विवेक की आवाज़ है।छत्तीसगढ़ में कबीर के सबसे ज़्यादा अनुयायी हैं। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि हमें अपनी भावनाओं के साथ जीने की जरूरत है। कबीर के संदेशों का मर्म जानने की ज़रूरत है। आज के समय में विवेक और प्रेम की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कोई भी मनुष्य किसी एक भाव से संचालित नहीं होता है। सभी में प्रेम,आलोचना और क्रोध का भाव भी होता है। आज के समय में लोग प्रेम और विवेक से दूर होते जा रहे हैं। कबीर की संवेदना त्रिवेणी के जैसी है, जिसमें प्रेम, विवेक और सामाजिक भाव का मिलन ही कबीर है। उन्होंने कहा कि जो भी आप चयन करते हैं, उसका दायित्व ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए। कबीर स्वयं सभ्यताओं की संभावनाओं का नतीजा हैं।समाज मे विवेक और संवाद की कमी हो गयी है, हमे इसे पूरा करने की ज़रूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि आज भी कबीर के दर्शन में आधुनिक दृष्टि है। कबीर हमारे सामने आज भी खड़े हैं। जीवन को हम सार्थकता के साथ प्रेम और सेवाभाव से जिएं। उन्होंने कहा कि जीवन की सफलता से ज़्यादा ज़रूरत जीवन की सार्थकता की है।

कार्यक्रम के संयोजक कुलसचिव डॉ. आनंद शंकर बहादुर ने कहा कि पत्रकारिता सिर्फ एक पेशा नहीं है। पत्रकारिता नैतिकता से जुड़ी है। देश के बड़े -बड़े महापुरुषों ने पत्रकारिता की है। उन्होंने कहा कबीर का दर्शन हमें आज भी प्रभावित करता है। 
कार्यक्रम का संचालक करते हुए कबीर विकास संचार अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष कुणाल शुक्ला ने कहा कि भारत ही नहीं आज पूरे विश्व को संत कबीर के रास्ते पर चलने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि प्रेम, विवेक और सहज भाव से संत कबीर को आसानी से समझा जा सकता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुधीर शर्मा, विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी, पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष पंकज नयन पांडे, प्राध्यापक डॉ. नृपेंद्र शर्मा, डॉ. राजेन्द्र मोहंती, शैलेन्द्र खंडेलवाल, डॉ सुशील त्रिवेदी एवं नार्वे से वरिष्ठ पत्रकार शरद आलोक भी उपस्थित थे। सभी विभागों के प्राध्यापक अधिकारी कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं वर्चुअल शामिल हुए। इस अवसर पर कबीर और उनके संचार को लेकर विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए।

कुणाल शुक्ला
अध्यक्ष, कबीर विकास संचार अध्ययन केंद्र
992-655-5050

Comments

Popular posts from this blog

नगर डभरा में बन रहा हैं छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शिवलिंग तथा 12 ज्योतिर्लिंग,,!

कवर्धा:-कवर्धा में सोमवार को भीषण सड़क हादसा हुआ. इस एक्सीडेंट में 18 बैगा आदिवासियों की मौत हो गई !. ये सभी तेंदूपत्ता तोड़कर वापस लौट रहे थे.! कवर्धा के एसपी ने इस हादसे की पुष्टि की है,,!

नगर पंचायत डभरा से सुमित चंद्रम भारतीय नौ सेना नेवी में लेफ्टिनेंट बने,,!