बिग ब्रेकिंग।कवर्धा:-- भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में करोड़ों का चलित सामान सुनियोचित रख रखाव नही से पानी में कबाड़ की तरह सड़कर हो रही खराब, कारखाना प्रबंधक के पास सुध लेने तक की समय नही
बिग ब्रेकिंग।
कवर्धा:-- भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में करोड़ों का चलित सामान सुनियोचित रख रखाव नही से पानी में कबाड़ की तरह सड़कर हो रही खराब, कारखाना प्रबंधक के पास सुध लेने तक की समय नही
मनोज बंजारे,कवर्धा:--- भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना रामहेपुर में करोड़ों का सामान का सुनियोचित रख रखाव नही होने से पानी में सड़ कर खराब रहे है।जिसके चलते आने वाली समय में किसानों और मजदूरों को बड़ी
परेशानियों सामना करना पड़ेगा। विदित हो की बरसात की दिनों में कारखाने पे मैंटेंनेस के काम चालू जाता है, इन दिनों उपर की छत का खराब होने एवम टूट फूट होने की वजह से बरसात का पानी सीधे फैक्ट्री के अंदर आकर भरी रही है। पानी भरने की वजह से काम पूरी तरह से ध्वस्त पड़ी है। पानी जमा होने के कारण करोड़ों रुपयों की लगी चलित मोटर खराब हो रही है और शासन की करोड़ों रुपयों की ऋणी कर रही है। कारखाने की मरम्मत और सही तरीके से देखभल नही करने की वजह से दिनोदिन बत्तर स्थिति होती रही है। देखा जाय तो कारखाने को घाटे की स्थिति में रखने का दावा भी किया गए थे,परंतु प्रबन्धक और अधिकारियों से अनदेखी की वजह से हर वर्ष नए चलित मोटर लगाया जाता है। जब पानी में पूरी तरह से खराब हो रही तो स्वाभाविक है। घाटे के चलते शेयर धारक कृषकों को दो वर्षो से शक्कर भी नही मिला है। पूर्व में इसकी मरम्मत और बहुत से कामों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था।
चुप्पी साधे बैठे कारखाना प्रबंधक...
कारखाना प्रबंधक से लगातार बात करने के कोशिश की गई,परंतु वो ना तो फोन उठाते और ना ही आफिस में नजर आते है । कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों से बात करने पर बताया की वो कभी कारखाने आते ही नही है। पूर्व में कारखाने की प्रबन्धक के सामने बड़ी बड़ी चोरियो का पर्दाफाश हुई थी,पर उन दोषियों के उपर ना शिकायत,और ना ही कार्यवाही हुई है। कारखाने की मरम्मत के लिए पिछले वर्ष भी शिकायत की गई थी,परंतु साहब तो सुध तक नही लिए।
मीडिया को नही दिए जाता कारखाने के अंदर जाने का परमिशन....
मिली सूत्रों से जानकारी पर जब मीडिया पूछने गई तो उन्हें कारखाने की अंदर जाने नही दिया और न प्रबंधक व जीएम बात करने की लिए मीडिया की सामने आई।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कारखाने में बड़ी मात्रा में हेराफेरी की जा रही हैं,जिसके लिए प्रबंधक स्वयं जिम्मेदार हैं।
*@मनोज बंजारे, कवर्धा*
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