गड्ढों में सड़क या सड़क में गड्ढे....एक यक्ष....प्रश्न...के जवाब के इन्तेजार में जनता....

गड्ढों में सड़क या सड़क में गड्ढे....एक यक्ष....प्रश्न...के जवाब के इन्तेजार में जनता....
बागी पत्रकार की कलम से ,,,

जांजगीर :---यूँ तो सरकार अपने राज में चहुंओर विकास की गंगा प्रवाहित कर रही है...और गाँव के कस्बों से लेकर महानगरों तक सभी इलाकों में कार्ययोजनाओं का अंबार लगा हुआ है संवेदनशील मुख्यमंत्री प्रदेश की खुशहाली और तरक्की की योजनाओं में स्वयं दिलचस्पी के साथ तल्लीन होकर सक्रिय हैं....परन्तु ये सब तभी धरातल पर साकार दिख सकता है जब प्रशासन के मठाधीश अपनी सक्रियता और कार्यकुशलता के साथ कार्य को साकार कर गुणवत्ता के साथ पूरा करें तब जाकर कही एक खुशहाल और समृद्ध प्रदेश की कल्पना की जा सकती है ....एक हाथ से ताली न कभी बजी है न कभी बजेगी उक्त बातें इस संदर्भ में कही जा रही हैं कि जांजगीर चाम्पा जिले के छोटे से लेकिन विकासशील कस्बे ग्राम लछनपुर, कुधरी, घुटिया तथा मड़वा को जोड़ने वाली एकमात्र मुख्य सड़क जो कि इन दिनों प्रशासन की उपेक्षा एवम बदहाली से ग्रसित हो चुकी है अपनी बीमार हालत में सुधार की आस लगाए  हुए है और रोज इस गांव के ग्रामीण टकटकी लगाए शासन के नुमाइंदों की बाट जोह रहे हैं....और भला क्यों नही करेंगे क्योंकि इन्होंने कई मर्तबा जनप्रतिनिधियों तथा स्वयं के प्रयासों से जिला प्रशासन को गुहार लगाई है कि जल्द ही इन्हें इस नरकीय जीवन जीने से निजात मिल सके शाम होते ही इस सड़क पर बड़ी ट्रकों का कब्जा हो जाता है जिससे आम नागरिक के मन मे भय लगा रहता है कि उसके घर के बाहर गया सदस्य सही सलामत आ जाये क्योंकि रोजाना यहां लोग दुपहिया वाहन से गिरकर चोटिल हो रहे हैं पर धन्य हो ईश्वर का जो अब तक कोई अनहोनी नही हुई है केवल  अब तक चोट लगकर इलाज करवा लिया जा रहा लेकिन अगर कुम्भकर्णी नींद नही खुली तो....स्थिति और भी गंभीर हो सकती है....या कहें तो यह निद्रा शायद अनहोनी के बाद ही खुलेगी.....
गौरतलब हो कि यहाँ पड़ने वाले दो प्रतिष्ठित और बड़े नामचीन स्कूल भी अब खुलने को हैं जिसमे पढ़ने वाले छात्र या तो बस से या अपने निजी साधन से आवागमन करेंगे...साधन चाहे जो भी हो पर ....नौनिहालों के सर पर खतरा जरूर मंडरा रहा है और इस कस्बे की नवनिर्मित कालोनी में भी अमूमन 200 परिवार भी भयाक्रांत होकर जी रहे है....लेकिन इसके विपरीत संबंधित विभाग अपनी फाइलों को रखकर मशगूल है...और अधिकांश समय जांजगीर चाम्पा मुख्य मार्ग के मरम्मत में प्राथमिकता के साथ  लगे हुए हैं...लगे भी क्यों न इस पर सरकार जो  चलते है स्थानीय मंत्रिमंडल के सदस्यों या विधानसभा अध्यक्ष के दौरे के पूर्व सड़क को गड्ढो से निकाल कर बाहर कर दिया जाता है और उनके निकलते तक वापस गड्ढो में यह रास्ता चला जाता है....जनता का क्या वो तो पिछले कई सालों से ओवरब्रिज का इन्तेजार नए हसदेव पुल का इन्तेजार जब कर सकती है तो यह तो फिर एक मामूली सड़क है....
खैर ....हमारा मकसद ये बताना है कि जिले में नवागंतुक जिलाधीश के सामने चुनौतियों का अंबार है और देखना ये ही है कि वे अपनी प्राथमिकताओं में क्या शुमार करते है...फिलहाल तो वे अपने दरबार माफ कीजिये दफ्तर में पहुचने वाले हर अर्जिनवीस का हंसकर शालीनता से स्वागत करके कार्यो का पूर्ण होने का आश्वासन दे रहे हैं...एवम कागज की इन अर्जियों को संबंधित विभाग को प्रेषित कर रहे है...पर विभागों की संवेदनशीलता और सक्रियता कब वे देख पाएंगे इस बात का ही यक्ष प्रश्न जिले के साथ इस कस्बे की जनता सड़क की मरम्मत के इन्तेजार के साथ पूछ रही है....।
चलते चलते.आखिरी के दो शब्द....जनता तो आखिर जनता ही है...इन्तेजार ही कर सकती है....लेकिन सब्र का भी अपना एक बांध होता है जिसकी मरम्मत नही होती है यदि ये टूट जाये तो इसके रास्ते मे आने वाले सभी सैलाब में बह जाते हैं....

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