श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक एवं अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा को भारतीय शास्त्रीय संगीत गायन के क्षेत्र में "डाक्टर की मानद उपाधि" से सम्मानित,,,


श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक एवं अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा  को भारतीय शास्त्रीय संगीत गायन के क्षेत्र में "डाक्टर की मानद उपाधि" से सम्मानित,,,


अंतरराष्ट्रीय वेबीनार एवं सम्मान समारोह संपन्न,

उत्तर प्रदेश मण्डल आफ अमेरिका कैलीफोर्निया,

श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती, जिला-जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़ एवं

साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुम्बई ।

इन तीनों संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आन-लाइन कार्यक्रम में साहित्य, संगीत एवं मानस सम्मान प्रदान किया गया।

साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुम्बई द्वारा संस्कृति सेवा में सदा समर्पित श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक एवं अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा सक्ती, जिला-जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़ को भारतीय शास्त्रीय संगीत गायन के क्षेत्र में "डाक्टर की मानद उपाधि" प्रदान किए जाने की घोषणा की गई।
साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुम्बई महाराष्ट्र द्वारा "विश्व मानस कोष" के प्रथम खण्ड का विमोचन समारोह
दिनांक 12 अक्टुबर 2021 को विज्ञान भवन दिल्ली में आयोजित किया जाना सुनिश्चित किया गया है, इसकी तैयारी जारी है।
इस समारोह के प्रचार प्रसार में विभिन्न सृजनात्मक कार्य
संचालित किए जा रहे हैं।

इसी संदर्भ में उपरोक्त तीनों संस्था के संयुक्त तत्वावधान में 10 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय वेबीनार एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
समारोह के प्रारंभ अवसर पर
सा. सां. शोध संस्था के महासचिव डॉ प्रदीपकुमार सिंह ने समारोह में आमंत्रित अतिथियों के स्वागत एवं परिचयात्मक उद्बोधन में कहा कि आज  "राम कथा में विज्ञान" विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार एवं सम्मान समारोह में आप सभी आदरणीय अतिथि जनों का हार्दिक अभिनन्दन है।
इस समारोह का मुख्य उद्देश्य
राम संस्कृति का मानव जीवन व समाज पर एवं विश्व के जन जन पर ज्यादा से ज्यादा संस्कारित प्रभाव पड़े और राम संस्कृति को लेकर जन मानस, विश्व मानस राम संस्कृति से पूरा ओत प्रोत हो।हमारा आज का युवा वर्ग राम संस्कृति से एकदम अछुता होता जा रहा है, हम पीढ़ी के लोग उसका डटकर मुकाबला करें और राम संस्कृति को सभी लोगों में प्रवाहित किया जाय यही हमारा मुख्य उद्देश्य है।
संस्था के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार भारद्वाज ने कहा कि साहित्य में विज्ञान का संगम अद्भुत बात है और हम सब मिलकर इसके लिए प्रयास कर रहे हैं, इस कार्य में आप सभी का योगदान अत्यंत सराहनीय है।
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा सक्ती छत्तीसगढ़ द्वारा आमंत्रित अतिथियोंके स्वागत में एक स्वागत गीत 
"आपको शत्-शत् नमन, आपके स्वागत में है यह 
भेंट श्रद्धा की सुमन, "
सस्वर प्रस्तुत किया गया। 
नीदरलैंड के प्रख्यात कवित्री
डॉ. पुष्पिता अवस्थी ने कहा
"राम कथा में विज्ञान" यह विषय पूरे प्रासंगीक है श्री राम शब्द भी एक विज्ञान है।
इस राम नाम की महिमा से
भारी भरकम वजनीय पत्थर भी पानी में तैरता है। 
श्री राम के जीवन चरित्र में जो आध्यात्मिकता है इसका अपना विज्ञान है, भौतिक विज्ञान जो बाहर का सुख देते हैं, वहीं आध्यात्मिक विज्ञान जो आपका अंतस को विकसित करता है और ये एक ऐसा अबूझ विज्ञान है जो सामान्य दृष्टि से नहीं दिखता ये अंतर दृष्टि से दिखता है।
बिनू सत्संग विवेक न होई। रामकृपा बिनु सुलभ न सोई।
आज श्रीराम की कृपा हम सब पर बरस रही है इसीलिए हम सब इस सत्संग का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पूर्व कुलपति डॉ. एच.पी. गौतम ने अपने उत्कृष्ट वैज्ञानिक चिंतन से संबंधित विषय में जानकारी दी गई उन्होंने कहा कि
धर्म अर्थ कामदिक चारी।
कहब ज्ञान विज्ञान विचारी।।
धर्म- माने शरीर, अर्थ- माने बुद्धि से निराकृत, काम- माने
मन की जितनी आकांक्षायें एवं मोक्ष- माने आत्मा, आशक्ति से परे परम आत्मा की प्राप्ति।
भगवान ऊर्जा श्रोत हैं और ऊर्जा स्वत: हैं- अर्थात्  भ- से होता है भूमि, ग- से होता है गगन, व- से वायु, अ- से अग्नि और न- से दिन।
व्यापक विश्व रूप भगवाना।
तेही धरि देह चरित कृतनाना।
कैलीफोर्निया अमेरिका से
प्रो. नीलू गुप्ता ने कहा श्रीराम जी का सम्पूर्ण जीवन विज्ञान ही विज्ञान है, विज्ञान से परिपूर्ण है। पत्थर का पानी में तैरना एक विज्ञान ही है। यह श्री राम जी की महिमा है यह विज्ञान का दर्शन है।
"मर्यादा पुरुषोत्तम राम"
पुरूषों में उत्तम और मर्यादा में उत्तम आप हैं।
आज के युवा में उस मर्यादा की आवश्यकता है।
आज का विश्व किधर जा रहा है? यदि हमें उस मर्यादा को प्राप्त करना है तो हमारे बच्चों को भी मर्यादा पुरुषोत्तम जैसे ही संस्कार देने होंगे। प्रात:काल उठहीं रघुनाथा।
मात पिता गुरु नावहिं माथा।।
डॉ. रिषा सिंह द्वारा संयुक्त उद्बोधन में कहा गया कि
राम तो कल्याण का धाम हैं,
राम से बड़ा राम का नाम है।
राम ने तो अहिल्या को तारा,
लेकिन राम के नाम ने तो सबको तारा है।
सुरेश चन्द तिवारी ने कहा- 
दरश परश कर मज्जन नाना।
श्रीरामजी के जन्म दिवस से संबंधित नक्षत्र का विशेष वर्णन करते हुए श्री राम की महिमा बताई गई।
कलकत्ता से डॉ. त्रिलोक नाथ पांडेय जी द्वारा बहुत ही भावपूर्ण गीत- 
शरण में आए हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन।
डॉ. प्रदीप कुमार सिंह मुम्बई द्वारा अपनी संस्था की ही विश्व यात्रा टाइम्स न्यूज चैनल में आनलाइन इस पावन मंच में उपस्थित अतिथियों का प्रशस्ति पत्र से विविध सम्मान भेंट कर सम्मानित किया गया जिसमें कैलीफोर्निया अमेरिका से डॉ नीलू गुप्ता के द्वारा नीदरलैंड की डा. पुष्पिता अवस्थी को, सिकोहाबाद के डॉ सुकेश कुमार यादव को, जबलपुर के डॉ. एच. पी. गौतम को उत्कृष्ट हिन्दी सम्मान एवं
प्रो. हरी मोहन जी को और
साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुम्बई के साथ श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती छत्तीसगढ़ की ओर से कैलीफोर्निया अमेरिका की 
डॉ. नीलू गुप्ता को, बोध गया के डा. सुशीलकुमार सिंह को और डॉ. रिषा सिंह को एवंं केरल के डॉ.षीना प्रभाकरण
को मानस सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह के अंत में साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुम्बई के महासचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह द्वारा संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा, संस्थापक एवं अध्यक्ष, श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती, छत्तीसगढ़ को शास्त्रीय संगीत गायन के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए 
"डॉक्ट्रेड की मानद उपाधि" प्रदान किए जाने वास्ते 
आनलाइन सार्वजनिक घोषणा की गई।
इस समारोह के मंच संचालक पं. रमाशंकर शुक्ल द्वारा आभार व्यक्त करते हुए डॉ. प्रदीप कुमार सिंह के सहमति से कार्यक्रम का समापन किया गया

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