बरमकेला अंचल के निवासियो को बरगला कर कराया जा रहा है विरोध?

सारंगढ़ जिला को लेकर विरोधी तत्वो के द्वारा फैलाया जा रहा है भ्रम!
बरमकेला अंचल के निवासियो को बरगला कर कराया जा रहा है विरोध?

बिलाईगढ़ मुख्यालय होने का अफवाह फैलाकर सारंगढ़ जिला का विरोध करवा रहे है विकास विरोधी नेता?

सारंगढ़ जिला को लेकर सारंगढ़ के सर्मथक नेता अब खुलकर सामने आये,

वही बरमकेला-सरिया अंचल में भी सारंगढ़ जिला के सर्मथन मे लोग खुलकर आ रहे है,

कोसीर(सारंगढ़):-- 73 वर्षो से सारंगढ़ अनुविभाग का हिस्सा रहे सरिया-बरमकेला-डोगरीपाली अंचल को बिलाईगढ़ में जिला मुख्यालय खोलने का अफवाह फैलाकर चंद विकास विरोधी नेता सारंगढ़ जिला का विरोध करने का असफल प्रयास करते हुए सारंगढ़-सरिया-बरमकेला-डोंगरीपाली क्षेत्र का वर्षो पुराना संबंध को खराब करने के षड़यंत्र मे लगे हुए है जो कि सफल नही होगा। सारंगढ़ अंचल के हस्तियो ने साफ शब्दो मे विरोधी तत्वो को समझाते हुए कहा है कि बिलाईगढ़ में जिला मुख्यालय के कार्यालय खोलने जैसे अफवाह फैलाकर नवगठित हो रहा सारंगढ़ जिला को बदनाम करने का प्रयास ना करें।
1 जनवरी 1948 से सारंगढ़ अनुविभाग का गठन किया गया था तथा इसमे उसी समय से सारंगढ़ तहसील, बरमकेला तहसील तथा वर्तमान के सरिया तहसील और कोसीर उपतहतसील शामिल है। 73 वर्ष पुराना संबंध और आपसी माधुर्यता के प्रगाढ़ता को देखते हुए तथा विकास की मुख्यधारा मे जोड़ने के लिये 15 अगस्त 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का घोषणा किया। उनका साफ सोच था कि बिलाईगढ़ अनुविभाग और सारंगढ़ अनुविभाग को मिलाकर सारंगढ़ जिला का गठन किया जाये ताकि लगभग 8 लाख से अधिक की आबादी को जिला मुख्यालय जाने के लिये 30 से 40 किलोमीटर का ही सफर करना पड़े। विकास के नये आयाम के साथ साथ हर ग्राम पंचायत के लिये विकास कार्यो को स्वीकृति देने के लिये छोटा किन्तु महत्वपूर्ण सारंगढ़ जिला बहुत जरूरी है। माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा बहुत ही साफ और स्पष्ट है कि सारंगढ़ प्राचीन शहर है तथा जिला का दर्जा प्राप्त करने का पूरा अधिकार रखता है साथ ही छत्तीसगढ़ निमार्ण के 20 वर्षो के बाद भी जिला नही बनाये जाने और विकास के मुख्यधारा से कटा हुआ होने के कारण से यहा की जनता को नई पहचान दिलाने के लिये ही सारंगढ़ जिला का गठन किया गया। इस शानदार और गौरवपूर्ण मांग को पूर्ण करने से क्षेत्र मे लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है तथा हर गांव मे किसान पुत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की वाहवाही हो रही है। ऐसे गौरवपूर्ण माहौल मे खलल डालते हुए विपक्षी दल तथा विकास विरोधीयो को आगामी विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस की मजबूत स्थिति को बदनाम करने की नियत से सुनियोजित षड़यंत्र के साथ एक अफवाह फैलाया जा रहा है कि सारंगढ़ जिला मुख्यालय के कार्यालय 90 किलोमीटर दूर बिलाईगढ़ मे स्थापित होगें। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्पष्ट कर चुके है कि सारंगढ़ जिला ही मुख्यालय होगे। सारंगढ़ जिला तो अभी बन रहा है किन्तु सरिया और बरमकेला के साथ डोंगरीपाली-कोठीखोल क्षेत्र के रहवासियो का अनुविभाग मुख्यालय के तौर पर सारंगढ़ आना-जाना लगभग 7 दशको से साथ रहा है। 2005 के परिसीमन के पहले सरिया विधानसभा सारंगढ़ अनुविभाग का ही हिस्सा होता था वही न्यायालयीन कार्य और पंजीयन कार्यालय के साथ साथ एसडीओ स्तर के हर कार्य के लिये सारंगढ़-बरमकेला-सरिया-डोगरीपाली का माधुर्य संबंध बना हुआ है। ऐसे माधुर्य संबंध में अफवाह फैलाकर इन स्थानो को आपस मे लड़वाने के लिये कुछ लोग सारंगढ़ जिला का मुख्यालय बिलाईगढ़ में होने तथा उसके लिये बरमकेला क्षेत्रवासियो को 90 किलोमीटर की दूरी नापने जैसे फर्जी दावो का सहारा लिया जा रहा है। सारंगढ़-बरमकेला-सरिया-डोंगरीपाली क्षेत्र का आपसी संबंध किसी से छुपा नही है तथा इस सौहर्दपूर्ण और गरिमामय संबंध के बीच मे अफवाह की राजनिति का कोई भी संबंध नही है। 2026 मे होने वाले परिसीमन मे सारंगढ़ लोकसभा सीट तथा सरिया विधानसभा सीट को वापस लाना इस क्षेत्र के लिये एक बड़ी चुनौती के रूप मे सामने आया है साथ ही नया जिला निमार्ण होने और विकास के नये दरवाजे खुल जाने से विपक्षी दलो को यह सब पच नही रहा है। सारंगढ़ जिला के बाद रायपुर-बलौदाबाजार-भटगांव-सरसीवां-सारंगढ़-सरिया-झारसुगड़ा रेल लाईन के लिये नये सिरे से संघर्ष की शुरूवात करना तथा सारंगढ़ लोकसभा सीट और सरिया विधानसभा सीट के लिये अभी से पहल करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दो से ध्यान भटकाने के लिये ही सारंगढ़ जिला निमार्ण के विरोधी  इस बात को हवा दे रहे है कि किसी भी तरह से सारंगढ़ और बरमकेला-सरिया वालो के बीच विवाद की स्थिति बन जाये और मतभेद इतना बढ़ जाये कि इससे सारंगढ़ जिला निमार्ण ही खटाई में पड़ जाये।

*नवगठित सारंगढ़ जिला की लाईफ लाईन हो सकती है रेल परियोजना*
सारंगढ़ जिला का निमार्ण होने के बाद जिस बात की संभावना सबसे ज्यादा है वह है सारंगढ़ अंचल मे रेल लाईन की सुविधा। बिलाईगढ़ अनुविभाग और सारंगढ़ अनुविभाग से होकर जाने वाले प्रस्तावित रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन परियोजना जो कि 310 किलोमीटर लंबी रेल लाईन परियोजना है तथा अभी ठंडे बस्ते में है उसको पुर्नजिवित कर स्वीकृति दिलाकर काम शुरू कराना नये जिले का सबसे बड़ी प्राथमिकता मे होगी क्योकि इस रेल परियोजना मे बिलाईगढ़ अंचल के भटगांव और सरसीवा आ रहे है तो सारंगढ़ अनुविभाग के सारंगढ़-सरिया अंचल आ रहा है ऐसे मे यह रेल लाईन सारंगढ़ जिला के लिये लाईफ-लाईन साबित होगा इस बात मे कोई दो राय नही है।

*परिसीमन में सारंगढ़ लोकसभा और सरिया विधानसभा सीट की वापसी!*
सारंगढ़ जिला बनने का सबसे बड़ा फायदा परिसीमन आयोग के द्वारा सारंगढ़ लोकसभा सीट और सरिया विधानसभा सीट के पुर्नजिवित होने पर मुहर लगना हो सकता है। 2026 में होने वाले परिसीमन में सारंगढ़ जिला मे एक विधानसभा सीट की उम्मीद दिख रही है वही सारंगढ़ लोकसभा सीट भी फिर से वापस आ सकता है। ऐसे मे सारंगढ़ जिला का विरोध का ज्वाला उन्ही लोग जलवा रहे है जिनके राजनितिक भविष्य शून्य नजर आ रहा है। सारंगढ़ जिला निमार्ण होने के बाद यहा पर सारंगढ़-सरिया-बरमकेला-सरसीवां-भटगांव-बिलाईगढ़ क्षेत्र के स्थानीय नेताओ का कद बढ़ना तय है साथ ही उनकी पहचान राज्य स्तर पर जिले के प्रमुख नेताओ के कारण से होनी तय है। इस कारण से सारंगढ़ जिला निमार्ण विरोधी तत्व चाह रहे है कि सारंगढ़ जिला के अर्न्तगत आने वाले अंचल के रहवासियो को ही आपस मे लड़वा दिया जाये तो सारंगढ़ जिला खटाई मे पड़ जायेगा और सारंगढ़ रेल के साथ साथ सारंगढ़ लोकसभा और सरिया विधानसभा सीट भी परिसीमन मे वापस नही आयेगा। जिसका सीधा फायदा अन्य राजनितिक क्षेत्र के रहवासी प्राप्त करेंगें।

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