कवर्धा:- आदिवासी ,बैगा जनजाति की थोड़ी सी भी चिंता है तो इनके पीने की पानी की व्यवस्था करे ,,,,

कवर्धा:- आदिवासी ,बैगा जनजाति की थोड़ी सी भी चिंता है तो इनके पीने की पानी की व्यवस्था करे ,
झिरिया का पानी पीने मजबूर आदिवासी ,राष्ट्रपति दत्तक पुत्र 

पानी भरने के लिए पहाड़ के नीचे एक गांव से दूसरे गांव जाती महिलाएं 
कावर्धा (मनोज बंजारे):--पहाड़ों में बसे बैगा जनजाति समुदाय के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पहाड़ी गांव से आई सूचना के अनुसार कई गांव ऐसे हैं जहां  हैंडपंप तो है लेकिन दलदली में बाक्साइड के लिए माइंस में पथ्थर तोड़ने से पानी का स्तर नीचे चला गया है और ग्रामीण गर्मी के दिनों में पानी के लिए पसीना बहा रहे हैं। ग्राम बोदई के लोग का कहना है कि उनके गांव सहित आश्रित ग्राम रबदा, में ग्रामीण पानी के लिए पहाड़ियों के नीचे उतरते हैं और नाले का पानी ढोते हैं ,तब पीने का पानी की व्यवस्था हो पाती है ।
जनता कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी का कहना है कि पहले ये सभी गांव हरा भरे पेड़ पौधे से आच्छादित थे भरपूर मात्रा में पानी था 
लेकिन जब से बॉक्साइट का खनन प्रारम्भ हुआ ,ब्लास्टिंग हुआ तब से पानी का लेवल नीचे चला गया । अब यहां के ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है ।  शासन प्रशासन की मिलीभगत से इस क्षेत्र का काफी शोषण हुआ है बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस क्षेत्र के साथ नही बल्कि बालको कम्पनी के साथ खड़ी है । जोगी कांग्रेस की गुजारिश है कि यदि आदिवासियों की चिंता ही तो यहां के लोगो के लिए कम से कम पीने की पानी का व्यवस्था करें ।
इधर ग्रामीणों की बात करें तो ग्रामीण हर सीजन में पानी की जुगाड़ में भटकते हैं। गर्मी के दिनों में उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। क्योंकि चिलचिलाती धूप में उन्हें पसीने से तरबतर होकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है।

कवर्धा से मनोज बंजारे की रिपोर्ट

Comments

Popular posts from this blog

नगर डभरा में बन रहा हैं छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शिवलिंग तथा 12 ज्योतिर्लिंग,,!

कवर्धा:-कवर्धा में सोमवार को भीषण सड़क हादसा हुआ. इस एक्सीडेंट में 18 बैगा आदिवासियों की मौत हो गई !. ये सभी तेंदूपत्ता तोड़कर वापस लौट रहे थे.! कवर्धा के एसपी ने इस हादसे की पुष्टि की है,,!

नगर पंचायत डभरा से सुमित चंद्रम भारतीय नौ सेना नेवी में लेफ्टिनेंट बने,,!