दाऊ सोनी अपने घर लौटा अपने परिवार से मिकर आंख भर आये परिवार में खुशी लौटी ,,,लौट के बुद्धू घर को आये !

दाऊ सोनी अपने घर लौटा अपने परिवार से मिकर आंख भर आये परिवार में खुशी लौटी ,,,लौट के बुद्धू घर को आये !
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17 साल से लापता जिस सदस्य को मान लिया था कि दुनिया में नहीं है, पुलिस ने उसे आखिर जिंदा ढूंढ निकाला तो परिजनों को यकीन नहीं हुआ, सामने देख बह निकले खुशी के आंसू कोसीर अपने गांव पहुंचा तो परिवार के लोग गले मिकर रो पड़े परिवार में अपने बीच दाऊ को पाकर खुशी का पल देखने को मिला क्या है पूरी कहानी ,,,, 

वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी नारायण लहरे 

कोसीर :--सुनने में भले ही यह किसी फिल्म की कहानी की तरह लग रहा होगा पर यह रायगढ़ जिले के  कोसीर गांव में रहने वाले सोनी परिवार की सच्ची कहानी है। गांव में रहने वाला दाऊ सोनी 29 साल की उम्र में गरीबी की वजह से घर छोड़कर चला गया था। एम ए करने वाले इस युवा को परिवार की माली हालत रास नहीं आ रहा था।गरीबी के चलते आए दिन ताना मारा करते थे जो वह बर्दास्त न कर सका ।और 2005 में दाऊ सोनी घर से यह कह कर निकला कि वह खूब पैसा कमा कर वापस घर लौटेगा । 17 साल बीत गए पर कमाई उतनी नहीं हुई थी कि वह घर वापस जा सके। इस दौरान दाऊ अपना नाम बिरजू रख लिया। रायपुर में हमाली मजदूरी किया, फिर पेंटर का काम सीखा। काम करते-करते वह गरियाबन्द जिले के देवभोग पहंच गया। 2009 से वह इस इलाके में पेंटिंग का काम करता रहा, पर घर जाना मुनासिब नहीं समझा। और अपना जीवन बसर कर रहा था ।
 गरियाबंद में तस्दीक के दौरान पुलिस ने दाऊ को बुलाया और वहीं उसका पहचान कोसीर निवासी के रूप में किया गया ।पुलिस की तस्दीक से ही वह घर लौट पाया।
रविवार को पुलिस ने बाहरी लोगों की सूची की तस्दीक कर रही थी. इस दौरान बिरजू उर्फ दाऊ को बुलाया गया. आधार कार्ड में रायपुर मठ पुरैना का पता था, लेकिन पारिवारिक बैकग्राउंड के सवाल पर जवाब गोलमोल था। थाना प्रभारी बसंत बघेल ने बताया कि बिरजू से बारीकी से पूछताछ करने पर उसने कोसीर थाने के अपने पैतृक ठिकाने व परिवार के सदस्यों का नाम बताया।
स्थानीय पुलिस से किया संपर्क तब 
तस्दीक के लिए कोसीर पुलिस से देवभोग टीआई ने सम्पर्क किया। बिरजू का फोटो भी भेजा गया। कोसीर पुलिस रविवार की रात को इसकी तस्दीक करने बिरजू के घर पहुंची।फोटो देखकर परिवार के सदस्यों ने पहचान तो लिया पर बताया इसका नाम दाऊ है। पुलिस ने परिवार को पूरा ब्यौरा बताया, जिसके बाद बिरजू के दोनों बड़े भाई व अन्य परिजन उसे लेने के लिए पहुंचे ।
फफक पड़े परिजन और दोस्त
बिरजू उर्फ दाऊ को लेने पहुंचे बड़े भाई अजित सोनी व मंझले उदय ने कहा कि हम तो मान चुके थे कि अब दाऊ दुनिया में नहीं होगा।बिरजू को देखते ही गले लग कर सभी फफक-फफक कर रो पड़े। खुशी के आंसू दोनों ओर से बहते रहे। परिजनों ने देवभोग पुलिस का आभार जताया, उन्हें फूल भेंट कर सम्मानित किया।परिजनों जिला एसपी जेआर ठाकुर के प्रति भी आभार जताया। 
दाऊ सोनी अपने गांव कोसीर पहुंच गया है और परिवार में फिर से खुशी लौट आयी है गांव में भी दाऊ अब चर्चा हो रही है अपने परिवार को पाकर दाऊ के आंख भर आये । जीवन संघर्ष भरी होती है अपने परिवार को या हालात से युवा वर्ग मुह मोड़ लेंगे तो जीवन का अर्थ ही बदल जाता है ।हर युवा को जीवन के संघर्ष भरे पल को जीने की और संघर्ष करने की हिम्मत होनी चाहिए कोई कुछ भी बोले पर अपना जीवन अपने तरह से जीना चाहिए आखिर कार यह कहावत चरितार्थ होती है ,,,लौट बुद्धू घर को आए !

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