प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में अमृत महोत्सव के अवसर पर संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा सक्ती छत्तीसगढ़ के मुख्य आतिथ्य में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में अमृत महोत्सव के अवसर पर संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा सक्ती छत्तीसगढ़ के मुख्य आतिथ्य में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कार्यक्रम सम्पन्न
सम्मेलन में उपस्थित सुप्रसिद्ध कवियों व साहित्यकारों द्वारा देश के उन वीर सपूतों "अमर शहीदों" को समर्पित काव्यमय प्रस्तुति से श्रध्दांजलि दी गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अशोक गोयल पिलखुवा गाजियाबाद ने की। उन्होंने कहा- तिरंगा आन है मेरा, तिरंगा जान है मेरा।
सक्ती छत्तीसगढ़-- प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा गाजियाबाद के तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित कर देश के उन वीर सपूतों"अमर शहीदों" को समर्पित "आज की शाम, शहीदों के नाम" विराट काव्य सम्मेलन में उपस्थित समस्त कवियों व साहित्यकारों द्वारा अपनी काव्यमय प्रस्तुति से याद कर श्रद्धांजलि दी गई l
आज के इस आनलाइन अखिल भारतीय काव्य सम्मेलन कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार कवि अशोक गोयल पिलखुवा गाजियाबाद ने की l
मुख्य अतिथि के रूप में कवि संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा संस्थापक एवं अध्यक्ष श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती छत्तीसगढ़ की उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में विशेष सानिध्य वरिष्ठ कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा रहे।
वरिष्ठ कवयित्री बीना गोयल द्वारा राग दरबारी में *"जयति जय जय मां सरस्वती, जयत वीणा धारिणीं"* मधुर वाणी से सरस्वती वंदना गायन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ l
कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन कवि सुशील पाठक द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित कवि व रचनाकारों के स्वागत में कवि रविंद्र पाल रसिक द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में सभी रचनाकारों की प्रस्तुतियां बहुत अच्छी रहीं।
वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक गोयल पिलखुवा ने अपने काव्य की प्रस्तुति कुछ इस प्रकार से दी- **जिस धरती पर जन्में उस का कर्ज चुकाना है, गद्दारों का इस धरती से बीज मिटाना है।* कवि अशोक गोयल ने बताया प्रेरणा हिंदी प्रचार सभा काफी समय से हिंदी को मातृभाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत है आज देश के हजारों से ज्यादा रचनाकार समाचार पत्रों के संपादक समाजसेवी इस संस्था से जुड़कर संस्था के उद्देश्य की पूर्ति में लगे हुए हैं। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने भी संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला और अपने उद्बोधन में कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हिंदी को मातृभाषा का दर्जा आप सभी के प्रयास से मिलने वाला है l
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा सक्ती छत्तीसगढ़ द्वारा अपने प्रस्तुत विचार में कार्यक्रम आयोजक प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा गाजियाबाद (दिल्ली) का मुख्य उद्देश्य हिन्दी को राष्ट्रभाषा की मान्यता प्राप्ति हेतु प्रयास को उचित एवं आवश्यक बताते हुए अपने समर्थन देने के साथ ही साथ सफलता प्राप्त करने की शुभकामनाएं दी गई एवं उन्होंने अपने द्वारा स्वरचित एक देशभक्ति भाव से ओतप्रोत रचना छत्तीसगढ़ी में *"भारत मां के बेटा बहादुर, तुहीमन वीर बलिदानी। पोथी पुरान जइसे लागे तुंहरे अमर कहानी। जेला सुन सुन के, अब्बड़ सुरता आथे गा। जेला गुन गुन के, सबके मन भर जाथे गा।।* को प्रस्तुत कर मंच की वाहवाही बटोरी गई l
कार्यक्रम में कवि पप्पू सोनी शामगढ़, कवि रविशंकर बिलगैया, कवि विजय कुमार "विजय" हैदराबाद, कवि कमल भट्ट शामगढ़, कवि राम गोपाल फरक्या मंदसौर मध्यप्रदेश, कवित्री सुषमा खरे "सरस", डॉ. मलकप्पा इलियास बैंगलोर कर्नाटक, वरिष्ठ कवयित्री बीना गोयल, कवि सुशील कुमार पाठक छत्तीसगढ़, डॉ. मंजुला साहू
निर्भीक, डॉ. सत्यनारायण तिवारी लोरमी, कवि रविंद्र कुमार रसिक मथुरा, कवयित्री मीरा सिंह "मीरा" बिहार, कवि धर्मेंद्र कुमार "धर्मी" दौसा राजस्थान, कवि विशाल लोधी, मगरधा मध्यप्रदेश, शशिकांत "शशि" बिहार, कवि ललित डोभाल अल्फाज आदि रचनाकार कार्यक्रम में उपस्थित थे।
सभी आगंतुक रचनाकारों का सम्मान कवियत्री वीणा गोयल ने किया।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय कवि अशोक गोयल पिलखुवा ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में उपरोक्त रचनाकारों के अलावा अनेक गणमान्य उपस्थित थे l
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