कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने ली शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठककलेक्टर पन्ना ने अपने स्कूल के समय का उदाहरण देते हुए सभी को प्रेरित किया
कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने ली शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक
कलेक्टर पन्ना ने अपने स्कूल के समय का उदाहरण देते हुए सभी को प्रेरित किया
सक्ती, (14 जनवरी 2023):- कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने आज सक्ती के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर पन्ना ने शिक्षा की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर करने के लिए अनेक विषयों पर बात की। उन्होंने हाल ही में जिले में स्कूलों की एक रिपोर्ट बनवाई थी, उक्त रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के 130 हायर सेकेंड्री स्कूलों में आने वाले परीक्षा को लेकर चिंता जताई। लगभग 5-6 स्कूल ऐसे हैं जहां 90 प्रतिशत बच्चे पास होते हैं और इसके अलावा बहुत से स्कूल ऐसे हैं जहाँ का रिजल्ट 70 प्रतिशत से भी कम है। कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जहाँ का रिजल्ट 30 प्रतिशत से भी कम है।कुछ स्कूल ऐसे भी है जहां का रिजल्ट बहुत ही निराशाजनक है। कलेक्टर पन्ना ने शिक्षा विभाग के सभी लोगों को कहा कि इसमें पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, यह आज के समय में घोर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों में कोई माता-पिता अपने बच्चे को नहीं भेजना चाहेगा, यह संबंधित स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह इसमें सुधार करे। समाज के जिस वर्ग के बच्चों के लिए आप काम करते हैं, वही हमारे समाज का आईना है, भविष्य के वे नीति नियंता हैं। आखिर हम उन बच्चों को क्या दे रहे हैं। आपके स्कूल का कोई भी छात्र परीक्षा में अच्छे परिणाम लाता है, तो यह शिक्षक के लिए एक गर्व का विषय होता है। आप सभी अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं और एक शिक्षक का जो काम होता है शिक्षा देना, आप सिर्फ वही काम पूरी मेहनत और लगन से करें और सभी यह लक्ष्य रखें कि आपके स्कूल के बच्चों का परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक रहे। स्कूल के सभी बच्चों को अपने बच्चे की तरह जिम्मेदारी समझें, उन बच्चों में भी कुछ बच्चे ऐसे हो सकते हैं जिनकी पढऩे में कोई विशेष रूचि नहीं होती है लेकिन 90 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं जो पढऩा चाहते हैं, हमें उन सभी बच्चों की बेहतरी के लिए अपना काम पूरी जिम्मेदारी के साथ करना होगा। आगे उन्होंने कहा कि हम जिस समाज में रहते हैं वहाँ एक बच्चे के लिए एक बेहतर जीवनशैली के साथ आगे बढऩे का एक ही विकल्प है बेहतर शिक्षा। अगर उसको बेहतर शिक्षा नहीं मिलेगी, तो वह न सेना में जा पाएगा, न ही खेलकूद में आगे बढ़ पाएगा, न ही कला संगीत सीख पाएगा, न ही व्यापार करने लायक रहेगा, न ही कोई और किसी तरह की पढ़ाई कर पाएगा। हम सभी अपने बच्चों के लिए यह चाहते हैं कि उन्हें बेहतर शिक्षा नसीब हो, यही भाव हमें अपने उन स्कूल के बच्चों के लिए भी रखना होगा जहाँ हम शिक्षा देते हैं तब कहीं जाकर स्कूल का और इस जिले के बच्चों के परीक्षा परिणाम में सुधार होगा। कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने इस मीटिंग में अपना उदाहरण देते हुए बताया की उनकी माता जी गणित की टीचर थी वही कलेक्टर पन्ना गणित में पहले बहुत कमजोर हुआ करती थी पर जब उनकी माता ने उनको परीक्षा के पहले नए स्ट्रेटेजी से पढ़ना चालू किया उसके बाद जिस विषय में नूपुर राशि पन्ना कमजोर हुआ करती थी उसी विषय में उन्होंने 96 नंबर अर्जित किए। इस उदाहरण से कलेक्टर पन्ना यह बताना चाहती थी कुछ भी चीज़ नामुमकिन नहीं है बस तारिका सही होना चाइए।
कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने जिले का औसत प्रतिशत है उस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आने वाले समय में आप अपने स्कूल का सिलेबस तय समय पर पूरा करेंगे और पढ़ाई पूरे अनुशासन के साथ करवाएंगे और इसका परिणाम आने वाले 10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम में दिखना चाहिए। कलेक्टर पन्ना ने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र उनके लिए विशेष रूचि का क्षेत्र है और इसलिए वह स्वयं लगातार जिले की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक बेहतर करने के लिए स्कूलों में जाकर सतत् मॉनिटरिंग करेंगी और बेहतरी के लिए जो भी अपने स्तर पर आवश्यक प्रयास होंगे उस पर कार्य करेंगी। उक्त बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी बीएल खरे, सभी बीईओ साथ ही जिले के समस्त प्राचार्य एवं शिक्षा विभाग के समस्त पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
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