श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी का 69 वां जन्म दिवस समारोह सम्पन्न।"
"श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी का 69 वां जन्म दिवस समारोह सम्पन्न।"
"इस अवसर पर फिलाडेल्फिया अमेरिका के डॉ. मीरा सिंह जी के मुख्य आतिथ्य एवं अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय जी के विशिष्ट आतिथ्य एवं संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी की अध्यक्षता में "श्रीश्याम संगीताश्रम सक्ती" की स्थापना की गई।"
*संस्थान द्वारा संचालित "विश्व संगीत पाठशाला" में शामिल संगीत साधिकाओं का त्रैमासिक संगीत प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पूर्ण।"*
*सफल संगीत साधिकाओं को संगीत प्रशिक्षण "अनुभव प्रमाण-पत्र" प्रदान कर बिदाई दी गई।*
*इस बिदाई अवसर पर संगीत साधिकाओं ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह संगीत प्रशिक्षण बहुत ही अच्छा रहा यह हमें आजीवन याद रहेगा।*
*संगीत परीक्षा में शामिल होने एवं कला संस्कृति सेवा में सहयोग देने का संकल्प लिया गया।*
*सक्ती छत्तीसगढ़ --* श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत संचालित "विश्व संगीत पाठशाला" में शामिल संगीत साधिकाओं का त्रैमासिक संगीत प्रशिक्षण के समापन अवसर पर उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र प्रदान कर बिदाई दी गई।
संस्थान के संस्थापक व अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी के 69 वें जन्मदिवस के अवसर पर 15 नवम्बर को फिलाडेल्फिया अमेरिका के डॉ. मीरा सिंह जी के मुख्य आतिथ्य एवं अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय जी के विशिष्ट आतिथ्य और संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी की अध्यक्षता में आयोजित इस जन्मोत्सव समारोह में "श्रीश्याम संगीताश्रम सक्ती" की स्थापना की गई।
इस सृजन संस्थान द्वारा संचालित "विश्व संगीत पाठशाला" में शामिल प्रथम समूह के संगीत साधिकाओं को संगीत अनुभव प्रमाण-पत्र प्रदान कर बिदाई दी गई।
समारोह के शुभारंभ अवसर पर सर्वप्रथम डॉ. मनोरमा चन्द्रा 'रमा' रायपुर ने संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा स्वरचित "नमन है हंस वाहिनी मां" विद्या दायिनी मां सरस्वती जी वंदना गायन किया तत्पश्चात् श्रीमती शुभा शुक्ला 'निशा' रायपुर ने संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा द्वारा ही स्वरचित "आपको शत्-शत् नमन" स्वागत गीत प्रस्तुत कर आमंत्रित अतिथियों का श्रद्धा भाव सुमन समर्पित करते हुए स्वागत किया, तत्पश्चात् संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा द्वारा संस्थान प्रतिवेदन में बताया गया कि भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण- संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास व लोककला संस्कृति व लोक परंपरा के प्रचार-प्रसार व विस्तार हेतु दिनांक 02 जुलाई सन् 2000 को श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती की स्थापना की गई थी, जिसके पच्चीसवें वर्ष के अंतर्गत "रजत जयंती वर्ष" पर विभिन्न सृजनात्मक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं इसी के अंतर्गत "विश्व संगीत पाठशाला" में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना आदि तेरह राज्यों से 117 कला प्रेमी समूह में शामिल हैं, जिसमें से सम्पूर्ण नशामुक्त शुद्ध शाकाहारी शिक्षित व प्रबुद्ध लगभग तीस महिलाओं को त्रैमासिक निःशुल्क संगीत प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें से सोलह सफल संगीत साधिकाओं को आज अनुभव प्रमाण पत्र प्रदान किया जा रहा है।
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा अपने गुरुदेव जी को समर्पित एक गुरु वंदना *जो नहीं दे सका कोई भी आज तक, पूज्य गुरुदेव! वह दे दिया आपने।*
आमंत्रित अतिथियों में सर्वप्रथम फिलाडेल्फिया अमेरिका से मुख्य अतिथि डॉ. मीरा सिंह ने संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी को जन्म दिवस की हार्दिक बधाई आशीर्वाद प्रदान कर कहा कि इस संस्थान द्वारा संचालित सृजनात्मक गतिविधियों की जानकारी मुझे पूर्व से ही मालूम है बहुत ही प्रसंशनीय कार्य किया जा रहा है और अब तो नारी- सशक्तिकरण, नारी जागरूकता संचालित करते हुए निःशुल्क संगीत प्रशिक्षण दिया जा रहा यह तो अति प्रसंशनीय व सराहनीय कार्य है, इसलिए मैं प्रशिक्षक एवं समस्त संगीत साधिकाओं को हार्दिक आशीर्वाद दे रही हूं आप सभी मन लगाकर संगीत साधना करें और कला संस्कृति की सेवा करते हुए देश-विदेश में नाम कमायें।
इसी प्रकार अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय जी द्वारा संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई आशीर्वाद और शुभकामनाएं प्रदान कर समस्त संगीत साधिकाओं को आशीर्वचन प्रदान किया गया।
इस अवसर पर श्रीमती सुषमा प्रेम पटेल रायपुर ने जन्मोत्सव बधाई गीत के रूप में एक स्वरचित बंदिश
*जन्मदिवस शुभकामना, देती 'सुषमा' आज।*
*खुशियां ही खुशियां मिले, शीश सजे सरताज।।*
प्रस्तुत किया।
श्रीमती सुशीला कुमारी झारखंड एवं
श्रीमती श्रद्धा शर्मा घरघोड़ा रायगढ़ द्वारा गुरु वंदना गीत प्रस्तुत किया गया।
प्रोफेसर ऋषिका वर्मा गढ़वाल उत्तराखंड द्वारा राग कल्याण तीनताल में *जित देखूं तित श्याम मयी है।*
प्रस्तुत किया गया।
श्रीमती श्रद्धा पाठक रायपुर द्वारा राग भूपाली चारताल में *"छायी शिव शीश गंग"*, श्रीमती वीणा गुप्ता जयपुर राजस्थान द्वारा राग खमाज दादरा ताल में *चरन परत विनती करत*, डॉ. रेखा गुप्ता जयपुर राजस्थान द्वारा राग काफी तीनताल में *बंशी मधुर बजाये श्याम मुरलिया* श्रीमती सीमा सुरेश पटेल रायगढ़ द्वारा परक्शन बैण्ड (सरगम धुन), डॉ. संजीदा खानम 'शाहीन' जोधपुर राजस्थान द्वारा *रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम।* श्रीमती लीशा पटेल रायगढ़ द्वारा राग बिहाग तीनताल में *कान्हा जारे जारे जारे सांवरिया।* श्रीमती रजनी शर्मा धौलपुर राजस्थान द्वारा *कुंज बिहारी मेरे कृष्ण मुरारी*, डॉ. सपना गुप्ता इंदौर मध्यप्रदेश द्वारा *मधुर बजाये श्याम मुरलिया* डॉ. ममता देवेन्द्र पचौरी दमन दमन-दीव द्वारा राग बिलावल ताल कहरवा में *रामहि राम रटैरे* डॉ. सुषमा गर्ग 'सुमी' व श्रीमती मंजुलता नागेश प्रयागराज उत्तर प्रदेश द्वारा कृष्ण भजन प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोरमा चन्द्रा 'रमा' रायपुर द्वारा प्रभावित ढंग किया गया उन्ही के द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त अध्यक्ष की अनुमति से समारोह का शांति पाठ के साथ समापन किया गया।
Comments
Post a Comment